Ticker

6/recent/ticker-posts

what is circular motion

Circular Motion घूर्नन गति

परिचय ( Introduction )

प्राकृतिक घटनाओं के अन्वेषण में मापन की आवश्यकता और उपयोगिता ने प्रकृति के तमाम अनसुलझे रहस्यों को उद्घाटित कर दिया । इन्हीं अनसुलझे रहस्यों में से एक बहुत ही कौतूहलपूर्ण एवं रुचिकारक विषय था — पिण्ड की विराम अवस्था ( State of rest ) अथवा उसकी गति की अवस्था ( State of motion ) । किसी पिण्ड की विराम अथवा गति की अवस्था के लिए बल ( Force ) नामक कारक ( Factor ) उत्तरदायी पाया गया तथा यह भी पाया गया कि बल , प्रकृति में सर्वव्यापक है - पूरे ब्रह्माण्ड में खगोलीय पिण्डों के मध्य – वृहद् स्तर पर अथवा परमाणु के अवयवी कणों के मध्य - सूक्ष्म स्तर पर किसी न किसी रूप में यह उपस्थित है ।


बल , किसी पिण्ड में गति अथवा विराम की अवस्था परिवर्तन का मूल कारक है । बल ( Force ) सामान्यतया बल , धक्का या खिंचाव है ।

इसकी परिभाषा इस प्रकार है। "बल एक बाहरी कारक है जो किसी वस्तु की आराम या एकसमान गति की स्थिति का कारण बनता है या बदलता है। अथवा उसे विरूपित कर देता है । "

स्पष्ट है किसी पिण्ड पर बल लगाने से पिण्ड पर निम्न प्रभाव हो सकते हैं

( 1 ) रुके पिण्ड के विराम की अवस्था में परिवर्तन हो सकता है । ( 2 ) गतिमान पिण्ड का वेग घट सकता है अथवा बढ़ सकता है । ( 3 ) गतिमान पिण्ड के गति की दिशा बदल सकती है । ( 4 ) पिण्ड का रूप अथवा आकार अथवा दोनों बदल सकता है । " बल एक सदिश राशि ( Vector quantity ) है , इसे F से प्रदर्शित करते हैं । "

बल का SI मात्रक किग्रा मी / से होता है , इसे न्यूटन ( newton ) भी कहते हैं । इसका CGS मात्रक डाइन ( dyne ) कहलाता है ।

बलों का वर्गीकरण ( Classification of Forces )

बलों को उनकी प्रकृति ( Nature ) के आधार पर निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है

( 1 ) सम्पर्क बल ( Contact Force )

" वे बल जो वस्तुओं के सम्पर्क में आकर कार्य करते हैं , सम्पर्क बल कहलाते हैं । सभी प्रकार के धक्के या खिंचाव के बल जो पिण्ड के सम्पर्क से प्रभाव में आते हैं , जैसे रस्साकशी में रस्से को बार लगाकर खींचना , बैल द्वारा बैलगाड़ी खींचना , गेंद पर ठोकर मारना , किसी भी मोटर अथवा रेल के इंजन द्वारा पहिये को घुमाने के लिए शाफ्ट पर बल लगाना इत्यादि ।

( 2 ) असम्पर्क बल ( Non - contact Force )

' वह बल जो वस्तु से सीधे सम्पर्क में न आकर आकाश ( space ) माध्यम से वस्तु पर कार्य करता है असम्पर्क बल कहलाता है । सभी प्रकार के चुम्बकीय बल , वैद्युत - चुम्बकीय बल , गुरुत्वीय बल तथा वैद्युत आकर्षण अथवा प्रतिकर्षण के बल असम्पर्क बल के उदाहरण हैं ।

( 3 ) अनुवर्ती बल ( Consequential Forces )

बल जो स्वतंत्र रूप से मौजूद नहीं हैं, लेकिन जब कोई संपर्क बल किसी पिंड पर कार्य करता है, तो परिणामी बल मौजूद होते हैं। घर्षण बल , प्रत्यानयन बल , तनी अथवा कसी हुई स्प्रिंग में प्रत्यास्थ बल आदि इस बल के उदाहरण हैं ।